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दिसंबर के अंत में हो सकते हैं जालंधर नगर निगम चुनाव, जनवरी में बनेगा नया पार्षद घर

जालंधर : माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पंजाब में नगर निगम चुनाव होने जा रहे हैं और जिस तरह से राज्य सरकार की गतिविधियां चल रही हैं उससे यह तय माना जा रहा है कि ये चुनाव होंगे। इस साल दिसंबर के अंत तक होने की संभावना है इसी तरह अगले साल जनवरी माह में जालंधर निगम और अन्य निगमों में भी नए काउंसलर हाउस का गठन किया जाएगा। बता दें कि जालंधर निगम के कौंसलर हाउस का कार्यकाल 24 जनवरी 2023 को खत्म हो चुका है। इसी प्रकार पिछले दो वर्षों से जालंधर शहर निचले स्तर के जन प्रतिनिधियों से वंचित है।

पिछले 2 साल से शहर में न कोई मेयर है, न कोई सीनियर डिप्टी मेयर और न ही कोई डिप्टी मेयर, यहां तक ​​कि सभी पार्षदों के आगे साबका भी लग चूका है। ऐसे में जालंधर निगम पर अफसरों का राज चल रहा है। माना जा रहा है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव अगले साल फरवरी में होने की संभावना है, ऐसे में आम आदमी पार्टी पंजाब में स्थानीय निकाय चुनाव दिसंबर के अंत में कराने की कोशिश करेगी ताकि पार्टी नेतृत्व को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए पर्याप्त समय मिले। राज्य सरकार की इस चाहत को देखते हुए नौकरशाही और चुनाव आयोग ने निगम चुनाव से जुड़ी तैयारियां शुरू कर दी हैं। जालंधर में 85 वार्डों में चुनाव होने जा रहे हैं और ये चुनाव 2023 में नए वार्ड विभाजन के आधार पर होंगे।

एक तरफ चर्चा है कि पंजाब में नगर निगम चुनाव दिसंबर के अंत में हो सकते हैं। ऐसे में राज्य की नौकरशाही को स्पष्ट निर्देश मिले हैं कि विकास कार्यों की गति तेज की जाये। जालंधर निगम में यह काम शुरू हो चुका है। निगमायुक्त गौतम जैन के अलावा उपायुक्त डाॅ. सफाई अभियान की कमान भी हिमांशु अग्रवाल ने संभाल रखी है। प्राइवेट लेबर लगाकर जहां शहर से कूड़ा उठवाया जा रहा है, वहीं फुटपाथ और डिवाइडर पर लगे पौधों की कटाई भी की जा रही है। शहर में पैचवर्क की प्रक्रिया शुरू हो गई है और नई सड़कें तेजी से बनाई जा रही हैं। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश मिले हैं कि जो भी टेंडर डाले जा रहे हैं, उन्हें दिसंबर के पहले सप्ताह में खोला जाए ताकि आचार संहिता इन टेंडरों में बाधा न बने।

ऐसे में जहां नगर निगम के अधिकारियों की सक्रियता पूरे शहर में दिख रही है, वहीं निगम चुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधि भी जोर-शोर से शुरू नहीं हो पायी है। विभिन्न दलों के नेताओं को छोटे-छोटे काम करने का श्रेय मिल रहा है। खास बात यह है कि शहर के दर्जनों नेता पिछले तीन साल से निगम चुनाव का इंतजार कर रहे हैं। उनका उत्साह ठंडा हो गया है, लेकिन यह भी संभावना है कि आने वाले दिनों में शहर में राजनीतिक गर्मी बढ़ेगी।

 

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