नई दिल्ली : फूड डिलीवरी या कैब सर्विस से जुड़े कई ऐप पर काम करने वाले कर्मचारियों को सरकार बड़ा तोहफा दे सकती है। उनका बीमा भी किया जाएगा और सरकार पेंशन की योजना भी बना सकती है। बताया जा रहा है कि सरकार गिग वर्कर्स और प्लेटफॉर्म आधारित नौकरियों के लिए बीमा और पेंशन देने जैसी व्यवस्था लाने की तैयारी कर रही है। केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया का कहना है कि जब तक यह कोड लागू नहीं होता तब तक हम ऐसे लोगों को उनके अधिकारों से वंचित नहीं रख सकते।
दरअसल, गिग वर्कर वे लोग होते हैं जो आमतौर पर अस्थायी नौकरी करते हैं। वे स्वतंत्र ठेकेदारों या फ्रीलांसरों के रूप में काम करते हैं। खास बात यह है कि ऐसे कर्मचारियों को उनके काम के घंटे तय करने जैसी सुविधाएं भी मिलती हैं। वे प्रोजेक्ट आधारित नौकरियां भी करते हैं। नीति आयोग का अनुमान है कि देश में 65 लाख गिग वर्कर हैं, लेकिन यह आंकड़ा दो करोड़ को पार कर सकता है। फ्रेमवर्क लागू करने के इस फैसले को श्रम कानून में निहित प्रावधानों की ‘सॉफ्ट लॉन्चिंग’ भी कहा जा रहा है। दरअसल, ऐसा इसलिए है क्योंकि सभी राज्य अभी तक लेबर कोड लागू करने के लिए तैयार नहीं हैं। गुरुवार को मंडाविया ने कहा, ‘नियम लागू होने तक हम उन्हें उनके अधिकारों से वंचित नहीं कर सकते। उससे पहले हमें एक नीति बनानी होगी।