नई दिल्ली : प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने के 8 दिन बाद 13 अगस्त को हत्या का पहला मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद हसीना के खिलाफ एक-एक कर 76 मामले दर्ज हुए। जिनमें से 63 मामले तो सिर्फ हत्या से जुड़े हैं। 22 अगस्त को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री हसीना और उनके परिवार के सदस्यों के राजनयिक पासपोर्ट भी रद्द कर दिए। तब से उनका भारत में रहना सीमित हो गया है।
बांग्लादेशी मीडिया हाउस ढाका ट्रिब्यून ने भारत सरकार के सूत्रों के हवाले से बताया कि भारत की वीजा नीति के मुताबिक, अगर किसी बांग्लादेशी नागरिक के पास भारतीय वीजा नहीं है, तो वह यहां केवल 45 दिनों तक ही रह सकता है। शेख हसीना को भारत आए 25 दिन हो गए हैं. ऐसे में वह कानूनी तौर पर सिर्फ 20 दिन ही भारत में रह सकती हैं। पासपोर्ट रद्द होने के बाद हसीना पर बांग्लादेश प्रत्यर्पित किए जाने का खतरा मंडरा रहा है। नया पासपोर्ट पाने के लिए हसीना को बांग्लादेश में कम से कम दो जांच एजेंसियों से मंजूरी की आवश्यकता होगी।