जालंधर- दिवाली के बाद पंजाब के कई शहरों की हवा जहरीली हो गई है। AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) बढ़ने से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है और आंखों में जलन जैसी समस्याएं भी सामने आई हैं।हालांकि हवा के कारण प्रदूषण का स्तर कम हुआ है, लेकिन रात में उद्योगों से निकलने वाले धुएं और आग की घटनाओं के कारण प्रदूषण बढ़ रहा है। दिन के समय लगने वाले ट्रैफिक जाम और सड़कों से उड़ने वाली धूल प्रदूषण के स्तर को बढ़ा रही है।
पंजाब के अमृतसर और लुधियाना में प्रदूषण में सुधार देखा गया है। अमृतसर, जो कल देश का सबसे प्रदूषित शहर था, कल से घटकर 268 पर आ गया है। इसी तरह, लुधियाना में AQI 184 दर्ज किया गया लेकिन चंडीगढ़ के साथ-साथ जालंधर, खन्ना, मंडी गोबिंदगढ़ और पटियाला में AQI अभी भी 200 से ऊपर है।
शहर का AQI
अमृतसर 268
लुधियाना184
रूपनगर 115
जालंधर204
खन्ना 256
मंडी गोबिंदगढ़ 201
पटियाला 207
चंडीगढ़ 258
राज्य और केंद्र सरकारें प्रदूषण पर काबू पाने के लिए बारिश पर विचार कर रही हैं। मौसम विभाग के मुताबिक नवंबर के मध्य तक बारिश की कोई संभावना नहीं है। दरअसल, उत्तर भारत में सर्दियों की बारिश का मुख्य कारण पश्चिमी विक्षोभ है। इसकी वजह पूर्वी हवाएं हैं, वहीं बंगाल की खाड़ी में बना दबाव भी उत्तर भारत में मौसम में बदलाव को रोक रहा है। यही कारण है कि अभी तक हिमाचल के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी नहीं हुई है। मौसम विभाग के मुताबिक नवंबर महीने में भी तापमान सामान्य से 2 से 3 डिग्री ज्यादा रहने की संभावना है।