नई दिल्ली: बुधवार को भारत के सबसे बड़े बिजनेस टाइकून और टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा का 86 साल की उम्र में निधन हो गया। रतन टाटा को गंभीर हालत में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। इससे दो दिन पहले न्यूज चैनल पर उनकी तबीयत खराब होने की जानकारी प्रसारित की गई थी। रतन टाटा उम्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे। रतन टाटा को पिछले सोमवार को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, हालांकि उनकी हालत में सुधार की खबर भी सामने आई, जिसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली। अब रतन टाटा के निधन की खबर से पूरे देश में शोक की लहर फैल गई है। सोशल मीडिया पर उनके प्रशंसक उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दे रहे हैं। रतन टाटा जितने सफल उद्यमी थे उतने ही महान परोपकारी भी थे। उन्होंने कई मौकों पर गरीबों और जरूरतमंद लोगों की मदद की।
रतन टाटा के अस्पताल में भर्ती होने के बाद से ही लोग उनकी सेहत को लेकर चिंता जाहिर कर रहे हैं। उनके स्वास्थ्य को लेकर कॉरपोरेट जगत और राजनीतिक क्षेत्र के साथ-साथ आम जनता के बीच भी अटकलें तेज थीं। अस्पताल में भर्ती होने के बाद, कॉर्पोरेट टाइकून रतन टाटा ने एक बयान जारी कर सभी को उनकी चिंता के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि वह उम्र से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के लिए कुछ नियमित चिकित्सा जांच से गुजर रहे हैं।
रतन टाटा ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, ‘मैं अपने स्वास्थ्य के बारे में हालिया अफवाहों से अवगत हूं और सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि ये दावे निराधार हैं। मेरी उम्र और संबंधित चिकित्सीय स्थितियों के कारण मैं वर्तमान में एक चिकित्सा परीक्षण से गुजर रहा हूं। चिंता का कोई कारण नहीं है। मैं अच्छे मूड में हूं और जनता और मीडिया से अनुरोध करता हूं कि गलत जानकारी न फैलाएं।