शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने हाल ही में एक बयान दिया है जिसमें उन्होंने पंजाब सरकार और मुख्यमंत्री भगवंत मान पर गंभीर आरोप लगाए हैं. मजीठिया ने कहा कि खरड़ पुलिस स्टेशन में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का टेलीविजन साक्षात्कार एक गंभीर मामला है और सरकार को इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए। मजीठिया का बयान ऐसे वक्त आया है जब हाई कोर्ट की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बिश्नोई का इंटरव्यू खरड़ पुलिस स्टेशन में हुआ था, जबकि इससे पहले मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी सरकार ने इस बात से साफ इनकार किया था कि इंटरव्यू जेल में हुआ था
मजीठिया ने कहा कि जब बिश्नोई पुलिस रिमांड पर था और सिद्दू मूसेवाला हत्याकांड की जांच चल रही थी, तब उसका साक्षात्कार लिया गया था. मजीठिया ने इस पूरे घटनाक्रम को सरकार की नाकामी और संरक्षण से जोड़ते हुए सवाल उठाया कि सरकार बिश्नोई को क्यों बचा रही है? उन्होंने कहा कि यह संभव नहीं है कि सरकार की सुरक्षा के बिना पुलिस रिमांड के दौरान किसी गैंगस्टर से पूछताछ की जा सके. उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान से जवाब मांगा और कहा कि क्या उनकी सरकार भी दिल्ली की आप सरकार की तरह बिश्नोई समाज की रक्षा कर रही है?
बिक्रम मजीठिया ने इस पूरे मामले को बड़ी साजिश बताया और कहा कि पंजाब की कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. उन्होंने पुलिस स्टेशन में टेलीविजन साक्षात्कार की सुविधा देने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। मजीठिया ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान और उनकी सरकार पर इस तरह के गंभीर आरोप लगे हैं। उन्होंने मूसेवाला की हत्या पर भी सवाल उठाए और कहा कि यह साफ हो गया है कि साजिश दिल्ली की तिहाड़ जेल में रची गई थी, जो आम आदमी पार्टी सरकार के नियंत्रण में है. मजीठिया ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने न केवल मूसेवाला की सुरक्षा वापस ले ली, बल्कि इसे प्रचारित भी किया, जिससे अपराधियों को अपने इरादों को अंजाम देने का मौका मिल गया।
मजीठिया का कहना है कि अब यह साफ हो गया है कि लॉरेंस बिश्नोई का इंटरव्यू पंजाब की आप सरकार के संरक्षण में हुआ था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान को इस पूरे मामले की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और सच्चाई जनता के सामने लानी चाहिए। मजीठिया ने कहा कि सरकार को पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त सजा सुनिश्चित करनी चाहिए.
मजीठिया के इन आरोपों ने पंजाब की राजनीति में हलचल मचा दी है. उन्होंने मांग की है कि इस मामले में हाई कोर्ट की निगरानी में जांच होनी चाहिए, ताकि सच्चाई सामने आ सके. मजीठिया का मानना है कि जब तक इस मामले की जांच नहीं होगी और दोषियों को सजा नहीं मिलेगी, लोग सरकार की मंशा पर सवाल उठाते रहेंगे. मजीठिया ने कहा कि पंजाब के लोगों को सच्चाई जानने का अधिकार है और वह खुद और अपनी पार्टी को लोगों की आवाज उठाने के लिए प्रतिबद्ध मानते हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में न्याय मिलने तक वह लड़ाई जारी रखेंगे.
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