शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के वार्षिक चुनाव के बाद आज हुई आंतरिक कमेटी की पहली बैठक में देश के हवाई अड्डों के अंदर सिखों को कृपाण पहनने से रोकना , पाकिस्तान दूतावास द्वारा बड़ी संख्या में सिख श्रद्धालुओं के वीसा काटे जाने और शिरोमणि समिति चुनावों के लिए वोट सहित अन्य सांप्रदायिक मामलों पर महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए।
बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि भारत में हवाई अड्डों पर सिख कर्मचारियों को कृपाण पहनने से रोकना सिखों की धार्मिक स्वतंत्रता पर बड़ा हमला है। उन्होंने कहा कि यह भारतीय संविधान का भी उल्लंघन है, क्योंकि सिखों को देश के भीतर हवाई यात्रा करने और अपनी धार्मिक मान्यताओं का पालन करने का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा कि शिरोमणि कमेटी इस गंभीर मामले पर हर स्तर पर आवाज उठाने और सिखों की धार्मिक स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध है और सरकार के साथ इस मामले पर चर्चा के लिए शिरोमणि कमेटी का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही भेजा जाएगा। इस प्रतिनिधिमंडल में वरिष्ठ उपाध्यक्ष. रघुजीत सिंह विरक, जूनियर उपाध्यक्ष बलदेव सिंह कल्याण, महासचिव शेर सिंह मांडवला, मुख्य सचिव कुलवंत सिंह मनहन, सचिव। प्रताप सिंह एवं उप सचिव एस. जसविंदर सिंह जस्सी का नाम जोड़ा गया है।
एडवोकेट धामी ने कहा कि पिछले दिनों सिखों द्वारा हिंदू मंदिर पर हमले को बढ़ावा देकर सिखों की छवि खराब करने की निम्न स्तरीय कोशिश और कनाडा के भीतर मतभेद और संघर्ष को ध्यान में रखते हुए आंतरिक समिति ने एक प्रस्ताव पारित किया है। उन्होंने कहा कि सिख समुदाय सभी धर्मों का सम्मान करता है और सिख कभी भी किसी के धार्मिक स्थल पर हमला करने के बारे में सोच भी नहीं सकते। इस घटना को लेकर कनाडा में जिस तरह से सिखों के खिलाफ नफरत फैलाई गई, वह सामान्य के बजाय एक सोची-समझी नीति का हिस्सा लगता है। उन्होंने कहा कि एक तरफ विदेशों में सिखों की हत्याओं को लेकर सरकारों पर लग रहे आरोपों पर सवाल उठ रहे हैं, वहीं जांच की बजाय जानबूझकर सिखों को बांटा जा रहा है।
शिरोमणि समिति के अध्यक्ष ने श्री गुरु नानक देव जी की जयंती के अवसर पर पाकिस्तान गुरुधामों में जाने वाले बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के वीजा रद्द करने पर भी आपत्ति व्यक्त की। उन्होंने कहा कि शिरोमणि कमेटी सिख तीर्थयात्रियों के लिए खुले वीजा की मांग करती है, लेकिन सरकारों ने सिख संगठन को पहले मिलने वाले वीजा में कटौती कर सिख भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि भविष्य में यह समस्या उत्पन्न न हो, इसके लिए जल्द ही शिरोमणि कमेटी का एक प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान दूतावास से इस मामले पर चर्चा के लिए भेजा जाएगा।
इसके साथ ही आंतरिक कमेटी ने गुरुद्वारा चुनाव के मुख्य आयुक्त से यह भी अपील की कि शिरोमणि कमेटी द्वारा बनाई जा रही मतदाता सूचियों का मसौदा प्रकाशित करते समय यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी अधिकृत व्यक्ति का नाम नियमों और शर्तों के खिलाफ न हो। मतदाता सूची में प्रकाशित किया जाए इंटर्निंग कमेटी में गुरुद्वारा साहिबों, ट्रस्ट और शिक्षा से संबंधित मामलों पर भी चर्चा की गई। इस दौरान एडवोकेट धामी और अन्य पदाधिकारियों ने सिख इतिहास अनुसंधान बोर्ड द्वारा तैयार की गई पुस्तक “सिख संघर्ष 1984 शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की भूमिका” का विमोचन भी किया।
समागम में शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी सहित वरिष्ठ उपाध्यक्ष स. रघुजीत सिंह विरक, जूनियर उपाध्यक्ष बलदेव सिंह कल्याण, महासचिव शेर सिंह मांडवाला, अतरिंग कमेटी सदस्य बीबी हरजिंदर कौर, सीनियर. अमरीक सिंह विचोआ, स. सुरजीत सिंह तुगलवाल, स. परमजीत सिंह खालसा, स. सुरजीत सिंह गढ़ी, स. बलदेव सिंह कायमपुर, स. दलजीत सिंह भिंडर, श्री. सुखहरप्रीत सिंह रोडे, स. रविंदर सिंह खालसा, स. जसवन्त सिंह पुडेन, स. शिरोमणि कमेटी के मुख्य सचिव परमजीत सिंह रायपुर, कुलवंत सिंह मनहन, ओएसडी स. सतबीर सिंह धामी, सचिव प्रताप सिंह, श्री. सुखमिंदर सिंह, श्री. कुलविंदर सिंह रामदास, स. गुरिंदर सिंह मथरेवाल, स. तेजिंदर सिंह पड्डा, निजी सचिव, शाहबाज सिंह, प्रबंधक एस. भगवंत सिंह धंगेरा, उप सचिव गुरदयाल सिंह, स. गुरनाम सिंह, स. बलविंदर सिंह खैराबाद, एस. जसविंदर सिंह जस्सी, स. मंजीत सिंह, श्री. हरभजन सिंह वक्ता, स. अमनबीर सिंह सियाली आदि शामिल हैं।