वाशिंगटन : ईरान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की योजना बनाई थी। मैनहट्टन की संघीय अदालत में दायर एक आपराधिक शिकायत में यह बात कही गई है। इसके मुताबिक, ईरान के अर्धसैनिक रिवोल्यूशनरी गार्ड के एक अनाम अधिकारी ने फरहाद शकीरी नाम के शख्स को ट्रंप की निगरानी और हत्या की जिम्मेदारी दी थी। ईरान ने ये योजना सितंबर में ही बना ली थी और इसे एक हफ्ते में लागू करने का इरादा था। ट्रंप की हत्या की साजिश में न्यूयॉर्क के दो नागरिक भी शामिल थे।फरहाद से यह भी कहा गया कि अगर वह सितंबर में ऐसा करने में विफल रहे तो उन्हें अमेरिकी चुनाव खत्म होने तक इंतजार करना होगा। ईरान को लगा कि ट्रम्प अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव हार जाएंगे। ऐसे में ट्रंप के पास ज्यादा सुरक्षा नहीं होगी और उन्हें मारना आसान होगा।
शिकायत के मुताबिक, फरहाद ने एफबीआई को बताया कि ईरानी अधिकारी ने उसे सात दिनों के भीतर हत्या की योजना बनाने के लिए कहा था। हालाँकि उन्होंने इसकी योजना नहीं बनाई थी। ट्रंप की जीत के कुछ दिन बाद ही उनकी हत्या की साजिश का खुलासा हो गया। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान डोनाल्ड ट्रंप पर दो बार हमला हुआ था। इन हमलों के दौरान ट्रंप बाल-बाल बच गये। फरहाद के साथ इस साजिश में न्यूयॉर्क के दो लोग भी शामिल थे 36 वर्षीय जोनाथन लोडोल्ट और 49 वर्षीय कार्लिस्ले रिवेरा। इन सबके अलावा इस साजिश में अमेरिका में रहने वाले दो यहूदी कारोबारी और एक ईरानी-अमेरिकी एक्टिविस्ट भी शामिल बताए जा रहे हैं। 51 साल के फरहाद शकीरी अफगान मूल के हैं। डकैती के एक मामले में 14 साल अमेरिकी जेल में बिताने के बाद 2008 में उसे निर्वासित कर दिया गया था। इसके बाद वह ईरानी सेना में शामिल हो गये। अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा, रिवेरा और जोनाथन को हिरासत में ले लिया गया है। इस बीच, फरहाद अभी भी ईरान में आज़ाद है।