उत्तराखंड के बागेश्वर के सिमगढ़ी उप डाकघर में बड़ा वित्तीय घोटाला उजागर हुआ है। मामला काफी चौंकाने वाला है। इसमें 1500 से अधिक ग्रामीणों की जीवन भर की कमाई एक साथ गायब हो गई। ग्रामीणों के मुताबिक इस घोटाले में करीब दो करोड़ रुपये का हेरफेर किया गया है।जिससे ग्रामीणों का डाकघर व्यवस्था से विश्वास उठ गया है। आपको बता दें कि यह घोटाला तब सामने आया जब सिमगढ़ी उप डाकघर का पोस्टमास्टर फरार हो गया। जिसके बाद परेशान ग्रामीणों ने अपना पासबुक चेक किया तो पता चला कि उनके खाते में जमा लाखों रुपये गायब हो गये हैं। जिन खातों में पहले लाखों रुपये जमा होते थे, अब उन खातों में या तो कुछ हजार रुपये ही बचे हैं या शून्य।
70 साल की शारदा देवी, जिन्होंने चार साल में 2 लाख रुपये बचाए थे, अब उनके खाते में केवल 2,000 रुपये बचे हैं। वह कहती हैं, ”मैंने अपनी बेटी द्वारा भेजे गए पैसे और वृद्धावस्था पेंशन जमा कर दी। अब सब कुछ खत्म हो गया।” वहीं, रमेश राठौड़, जिन्होंने वर्षों की मेहनत से 12 लाख रुपये जमा किए थे, अब उनके खाते में जीरो बैलेंस है। उन्होंने नम आंखों से कहा, “यह हमारा पूरा जीवन की कमाई थी अब हम क्या करे ?
धोखाधड़ी का शिकार ग्रामीण दिव्यांग बलवंत सिंह के साथ और भी अजीब हुआ । उन्होंने बताया कि 2016 से डाकघर में गाय-भैंस का दूध बेचकर जो भी बचत हो रही थी, उसकी लिखित प्रविष्टि पोस्टमास्टर द्वारा पासबुक में दी जा रही थी, लेकिन आज जब मैं अन्य लोगों के साथ कामदेवी डाकघर गया और जांच के बाद तीनों पासबुकों पर मैंने पाया कि इनमें से किसी भी पासबुक का डाकघर में कोई खाता नहीं है। इसके अलावा जब गांव के अन्य लोगों ने अपने पासबुक की जांच करायी तो कई अन्य पासबुक भी फर्जी पाये गये ।
पीड़ित ग्रामीणों की शिकायत के बाद संबंधित विभाग द्वारा की जा रही । जांच के दौरान करीब 1500 ग्रामीणों के दर्जनों डाकघर बचत खाते ऐसे सामने आए जिसमें ग्रामीणों के पास डाकघर की पासबुक है, लेकिन उनमें से कोई भी पासबुक डाकघर में पंजीकृत नहीं है। ग्राम प्रधान उत्तम राठौर के मुताबिक इस घोटाले से सिमगढ़ी और आसपास के गांवों के 1500 से ज्यादा खाताधारक प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की कुल जमा राशि करीब 2 करोड़ रुपये हो सकती है। अब डाकघर के अधिकांश कर्मचारी छुट्टी पर हैं और ग्रामीण अपनी बचत के लिए जगह-जगह भटक रहे हैं। इस घोटाले की जांच के लिए डाक विभाग की टीम सिमगढ़ी पहुंची, लेकिन जब इंस्पेक्टर अनिल व्यास ने ग्रामीणों से पासबुक जमा करने को कहा तो ग्रामीणों ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि उनकी पासबुक ही डाकघर में जमा राशि का एकमात्र सबूत है और अगर उन्होंने इसे भी सरेंडर कर दिया तो उनके साथ पूरी तरह से धोखाधड़ी होगी। मुख्य डाक अधीक्षक राजेश बिनवाल ने कहा, ”मामले की जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी” जांच के बाद सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा और हम दोषियों को सजा दिलाएंगे’ ।