
अमृतसर : श्री गुरु नानक देव जी की 555वीं जन्म शताब्दी मनाने के लिए संयुक्त सिखों द्वारा बाबा नानक की जन्मस्थली श्री ननकाना साहिब गुरुद्वारा साहिब पाकिस्तान से मलेशिया के लिए निकाली गई तीर्थयात्रा वाघा सीमा मार्ग से होते हुए भारतीय अटारी सीमा पर पहुंची। तीर्थयात्रियों ने जयकारों के साथ इस यात्रा का स्वागत किया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पवित्र ज्योत के समक्ष माथा टेका। मलेशिया के सिख गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब से उक्त जोत लेने के लिए कुछ दिन पहले पाकिस्तान पहुंचे थे। उल्लेखनीय है कि मलेशिया निवासी नृ सिख बलदेव सिंह मलेशिया सहित चार अन्य तीर्थयात्रियों के साथ श्री ननकाना साहिब से पवित्र मशाल लेकर जैसे ही भारत में दाखिल हुए, बड़ी संख्या में श्रद्धालु उक्त मशाल के सामने पंक्तियों में खड़े हो गए और नतमस्तक हुए। अटारी सीमा पर पहुंचने पर आईसीपी भूमि प्राधिकरण प्रबंधक सूरजभान हांडा के नेतृत्व में अधिकारियों और श्रद्धालुओं ने हाथ जोड़कर उनका स्वागत किया और बोले सो निहाल के जयकारे लगाए। 28 अक्टूबर को म्यांमार में प्रवेश करने के बाद उक्त यात्रा 1 नवंबर को थाईलैंड पहुंचेगी, जो 5 नवंबर को मलेशिया के गुरुद्वारा कुआलालंपुर में समाप्त होगी।